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CA Yogesh Birla |
पुरातन समय से कहावत चली आ रही है कि अपनी मासिक आय में से, भविष्य हेतु बचत करने के बाद ही, वर्तमान का खर्चा करना चाहिए, वही व्यक्ति सदैव सुखी रहता है । इस बचत को हमलोग Share, Mutual Funds, Realestate, Gold आदि में Invest करते है, एवं जब उनको वापिस बेचते है, तो Income-tax लगता है । बहुत बार लोगो को आयकर का ज्ञान नही होने से, वो बहुत कम मुनाफे पर शेयर्स बेच देते है, एवम फिर पता चलता है कि, जितना प्रॉफिट कमाया, उससे तो ज्यादा इनकम टैक्स भरना है । अतः इन बातों का ध्यान रखें :-
शेयर बाजार में निवेश :-
Short Term Capital Gains :- यदि हम किसी शेयर को खरीदने के 12 महीने के भीतर ही बेच कर लाभ कमा लेते है, तो यह शार्ट टर्म केपिटल गेन कहलायेगा । इस पर 15% की दर से आयकर लगेगा । यदि आप शेयर को नुकसान में बेचते है, तो loss को अगले 8 साल तक carry forward करके भविष्य के profit से setoff किया जा सकता है ।
Long Term Capital Gains :- यदि हम किसी शेयर को खरीदने के 12 महीने के बाद बेच कर लाभ कमाते है, तो यह लांग-टर्म केपिटल गेन कहलायेगा । यदि कुल मुनाफा 1 लाख रुपये से अधिक है, तो इस पर 10% की दर से आयकर लगेगा । यदि आप शेयर को नुकसान में बेचते है, तो loss को अगले 8 साल तक carry forward करके भविष्य के सिर्फ Long term capital gains से ही setoff किया जा सकता है ।
Share Day Trading (without Delivery) :- यदि आप रोजाना शेयर खरीद बेच रहे है, परंतु डिलीवरी नही ले रहे है, तो यह आपकी सट्टे से होने वाली आय (Speculative Profit) कहलाएगी। इस पर आपकी normal slab rate के हिसाब से ही आयकर लगेगा । बेचने में यदि नुकसान हुआ है तो वह सिर्फ अगले 4 वर्षो तक carry forward किया जा सकता है एवं भविष्य में होने वाली सिर्फ Speculative income से ही setoff किया जा सकता है ।
म्यूचअल फण्ड में निवेश :-
Equity Mutual Funds :- यदि इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में किया गया निवेश, खरीद के 12 माह से कम में बेच दिया गया है तो मुनाफे पर 15% आयकर लगेगा । यदि निवेश को खरीद के 12 माह से अधिक होल्ड करके बेचा गया है, तो मुनाफे पर सिर्फ 10% आयकर ही लगेगा (यदि मुनाफा 1 लाख से कम है, तो यह आयकर मुक्त है) ।
Debt Mutual Funds :- यदि डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में किया गया निवेश, खरीद के 3 वर्ष के भीतर बेच दिया गया है, तो इस पर नार्मल आयकर स्लैब के हिसाब से ही आयकर लगेगा। यदि निवेश को खरीद के 3 वर्ष से अधिक होल्ड करके बेचा गया है, तो मुनाफे पर 20% आयकर लगेगा (indexation का लाभ लेना ना भूले) । यदि इस निवेश को बेचने से नुकसान हुआ है तो इसको अगले 8 वर्षो तक carry forward करके setoff किया जा सकता है ।
यदि निवेश करने के साथ ही साथ आप इस पर मिलने वाले डिविडेंड पर आयकर, खरीद बेचान के मुनाफे पर आयकर आदि का ध्यान रखेंगे, तो अपने निवेश पर अधिक मुनाफा कमा पाएंगे एवं अपने Investment Advisor / Broker से उचित मार्गदर्शन भी प्राप्त कर पाएंगे ।
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