अब आपको अपनी बिक्री पर, 1 अक्टूबर 2020 से TCS कलेक्ट करने की आवश्यकता होगी।
♦प्रश्न-यह प्रावधान किस करदाता पर लागू होगा।
उत्तर-उपरोक्त प्रावधान सभी करदाताओं जिनका की वित्त वर्ष 2019-20 मैं टोटल बिक्री 10 करोड़ से अधिक है, उन पर लागू होगा।
यदि ऐसे करदाता किसी एक खरीदार को वित्त वर्ष में 50 लाख से ज्यादा का माल बेचते हों तो 50 लाख से ऊपर की बिक्री पर बिल में ही टीसीएस कलेक्ट कर के गवर्नमेंट को जमा कराना होगा।
♦प्रश्न-टीसीएस की रेट क्या होगी।
उत्तर-पीसीएस की रेट 1 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2021 तक 0.075% होगी। 1 अप्रैल 2021 से 0.1% होगी। यदि खरीददार के पास वैलिड पेन हो तो अन्यथा 5 परसेंट से टीसीएस कलेक्ट करना होगा।
♦प्रश्न- विक्रेता की उपरोक्त प्रावधानों के लिए क्या-क्या जिम्मेदारी हैं।
उत्तर-विक्रेता को बिक्री पर विक्रय बिल में टीसीएस चार्ज करना होगा और ऐसे टीसीएस को गवर्नमेंट ट्रेजरी में जमा कराना होगा। उसके पश्चात टीसीएस की रिटर्न भी भरनी होगी।
♦प्रश्न-टीसीएस को गवर्नमेंट ट्रेजरी में कब जमा कराना है।
उत्तर-टीसीएस को क्रेता से पेमेंट मिलने पर जमा कराना है अतः टीसीएस जमा कराने का दायित्व कलेक्शन बेसिस पर है ना कि बिल बेसिस पर।
♦प्रश्न-यदि 30 सितंबर 2020 तक किसी क्रेता को 50 लाख तक की बिक्री की है और उसके पश्चात 1 अक्टूबर से 31 मार्च 2021 तक 10 लाख की बिक्री की है तो टीसीएस किस राशि पर जमा कराना है।
उत्तर-टीसीएस 50 लाख से ऊपर की राशि 10 लाख पर ही जमा कराना है।
♦प्रश्न-टीसीएस को बिल में कहां और कैसे दर्शाना है और इसका जीएसटी पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
उत्तर- टीसीएस को बिल में जीएसटी चार्ज करने के पहले दिखाना है और जीएसटी, सेल वैल्यू प्लस टीसीएस की अमाउंट पर चार्ज किया जाएगा।
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